एक ऐसा क़िला जिससे जुड़ी है मनगढ़ंत कहानियां ही कहानियां......
Bhangarh Fort
भानगढ़ किले का मुख्य द्वार |
जयपुर से तक़रीबन (118. किमी) दूर भानगढ़ नगरी और उसका क़िला जिसकी लिखी तारीख़ भी है , और रहस्यम कहानियां भी है और मनगढ़ंत किस्से भी हैं ,
लोग इसके अतीत को भूलना चाहते हैं , पर भुला लायेगे कैसे ?
भारत की सबसे भूतिया कहीं जाने वाली जगहों में भानगढ़ का क़िला प्रथम स्थान रखता हैं
किले और इतिहास जुड़वा भाई समान माना जाता है
किलो में इतिहास बनता हैं, और इतिहास किलो की महिमा के गुड गान गाते है.
किलो में इतिहास बनता हैं, और इतिहास किलो की महिमा के गुड गान गाते है.
भानगढ़ के बारे में इतनी सारी कहानियां है , कथाएं हैं
के पता नहीं चलता के इतिहास कहां से शुरू होता हैं
यह कहना तक़रीबन इतिहासकारों के लिए भी थोड़ा मुश्किल बन जाता हैं क्योंकि वहां के लोगों में भानगढ़ की कहानियां और किस्सों में ज्यादा जिज्ञासा रखते हैं
के पता नहीं चलता के इतिहास कहां से शुरू होता हैं
यह कहना तक़रीबन इतिहासकारों के लिए भी थोड़ा मुश्किल बन जाता हैं क्योंकि वहां के लोगों में भानगढ़ की कहानियां और किस्सों में ज्यादा जिज्ञासा रखते हैं
भानगढ़ की बनावट
भानगढ़, राजस्थान के अलवर जिले में सरिस्का राष्ट्रीय उद्यान के एक छोर पर है। यहाँ का किला बहुत प्रसिद्ध है जो 'भूतहा किला' माना जाता है।
भानगढ़ का किला चारदीवारी से घिरा है जिसके अन्दर प्रवेश करते ही दायीं ओर कुछ हवेलियों के अवशेष दिखाई देते हैं। सामने बाज़ार है जिसमें सड़क के दोनों तरफ कतार में बनायी गयी दो मंजिली दुकानों के खण्डहर हैं। क़िले के आख़रीी छोर पर दोहरे अहाते से घिरा तीन मंजिला महल है जिसकी ऊपरी मंजिल लगभग पूरी तरह ध्वस्त हो चुकी है। भानगढ़ का किला चारों ओर से पहाड़ियों से घिरा हुआ है चारों ओर पहाड़िया है वर्षा के मौसम में यहां की रौनक देखते को ही बनती है यहां चारों तरफ पहाड़ियों पर हरियाली ही हरियाली दिखाई देती है वर्षा के मौसम में यह दृश्य बहुत ही सुंदर हो जाते है भानगढ़ को दुनिया के सबसे डरावनी जगहों में से माना जाता है ऐसा माना जाता है कि यहां पर आज भी भूत रहते हैं आज भी यहां सूर्य उदय होने से पहले और सूर्य अस्त होने के बाद किसी को रुकने की इजाज़त नहीं है
भानगढ़ का किला चारदीवारी से घिरा है जिसके अन्दर प्रवेश करते ही दायीं ओर कुछ हवेलियों के अवशेष दिखाई देते हैं। सामने बाज़ार है जिसमें सड़क के दोनों तरफ कतार में बनायी गयी दो मंजिली दुकानों के खण्डहर हैं। क़िले के आख़रीी छोर पर दोहरे अहाते से घिरा तीन मंजिला महल है जिसकी ऊपरी मंजिल लगभग पूरी तरह ध्वस्त हो चुकी है। भानगढ़ का किला चारों ओर से पहाड़ियों से घिरा हुआ है चारों ओर पहाड़िया है वर्षा के मौसम में यहां की रौनक देखते को ही बनती है यहां चारों तरफ पहाड़ियों पर हरियाली ही हरियाली दिखाई देती है वर्षा के मौसम में यह दृश्य बहुत ही सुंदर हो जाते है भानगढ़ को दुनिया के सबसे डरावनी जगहों में से माना जाता है ऐसा माना जाता है कि यहां पर आज भी भूत रहते हैं आज भी यहां सूर्य उदय होने से पहले और सूर्य अस्त होने के बाद किसी को रुकने की इजाज़त नहीं है
इस किले को आमेर के राजा भगवंत दास ने (1583. ई.) में बनवाया था।
भगवंत दास के छोटे बेटे और मुगल शहंशाह अकबर के नवरत्नों में शामिल मानसिंह के भाई माधो सिंह ने बाद में इसे अपनी रिहाइश बना लिया।
भगवंत दास के छोटे बेटे और मुगल शहंशाह अकबर के नवरत्नों में शामिल मानसिंह के भाई माधो सिंह ने बाद में इसे अपनी रिहाइश बना लिया।
माधो सिंह के तीन बेटे थे
(1) सुजान सिंह
(2) छत्र सिंह
(3) तेज सिंह
माधो सिंह के बाद छत्र सिंह भानगढ़ का शासक हुआ। छत्र सिंह के बेटा अजब सिंह थे। यह भी शाही मनसबदार थे। अजब सिंह ने अपने नाम पर अजबगढ़ बसाया था।
अजब सिंह के बेटा काबिल सिंह और इनके बेटा जसवंत सिंह अजबगढ़ में रहे। अजब सिंह के बेटा हरी सिंह भानगढ़ में रहे
(1722 ई माघ वदी भानगढ़ की गद्दी पर बैठे)
माधो सिंह के दो वंशज
(हरी सिंह के बेटे) औरंग़ज़ेब के समय में मुसलमान हो गये थे। उन्हें भानगढ़ दे दिया गया था। मुगलों के कमज़ोर पड़ने पर राजा सवाई जय सिंह ने इन्हें हराकर भानगढ़ पर अपना अधिकार जमा लिया था।
भानगढ से सम्बन्धित मनगढ़ंत कथा
भानगढ़ की राजकुमारी रत्नावती बहुत सुन्दर थी जिसके स्वयंवर की तैयारी चल रही थी। उसी राज्य में एक तांत्रिक सिंघिया नाम का था जो राजकुमारी को पाना चाहता था परन्तु यह सम्भव नहीं था। इसलिए तांत्रिक सिंघिया ने राजकुमारी की दासी जो राजकुमारी के श्रृंगार के लिए तेल लाने बाजार आयी थी उस तेल को जादू से सम्मोहित करने वाला बना दिया। राजकुमारी रत्नावती के हाथ से वह तेल एक चट्टान पर गिरा तो वह चट्टान तांत्रिक सिंघिया की तरफ लुढ़कती हुई आने लगी और उसके ऊपर गिरकर उसे मार दिया। तांत्रिक सिंघिया मरते समय उस नगरी व राजकुमारी को नाश होने का श्राप दे दिया जिससे यह नगर ध्वस्त हो गया।
उसके बाद से ही वहां पर लोगो ने भूतिया कहानियां गाना शुरू कर दी गई और कहानियां इतनी मशहूर हो गई के भानगढ़ किला भारत की सबसे भूतिया नगरी कहीं जाने लग गई।
यह मनगढ़ंत कहानियां क्यों कहीं जाती हैं ?
वो इसलिए आप देखेंगे के जैसे तुग़लक़ाबाद के सम्बन्ध में ऐसी कोई कहानी या कथाएं नहीं मिलती इसलिए वो लोगो में आकर्षण का केंद्र नहीं हैं इसलिए लोगो द्वारा क़़िले या राजाओं के सम्बन्ध में कहानी या कथा प्रचलित करी जाती हैं
यह मनगढ़ंत कहानियां क्यों कहीं जाती हैं ?
वो इसलिए आप देखेंगे के जैसे तुग़लक़ाबाद के सम्बन्ध में ऐसी कोई कहानी या कथाएं नहीं मिलती इसलिए वो लोगो में आकर्षण का केंद्र नहीं हैं इसलिए लोगो द्वारा क़़िले या राजाओं के सम्बन्ध में कहानी या कथा प्रचलित करी जाती हैं
इससे वास्तविक का कोई सम्बन्ध नहीं होता है।
शायद भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग भी भूतिया कहानियों पर विश्वास करता है या सिर्फ लोगो के लिए वहां पर बोर्ड लगा रखा हैं विभाग इस बारे में कोई भी जानकारी नहीं देता हैं
पुरातत्व सर्वेक्षण भानगढ़ आवश्यक सूचना-
भानगढ़ की सीमा में सूर्योदय से पहले एवं सूर्यास्त के पश्चात प्रवेश वर्जित है ।
( 2 ) भानगढ़ की सीमा में किसी भी प्रकार के मवेशियों का प्रवेश कराना कानूनन अपराध है , आज्ञा का उल्लंघन करने पर कानूनी कार्यवाही की जावेगी ।
( 3 ) भानगढ़ की सीमा में केवडे के वृक्ष भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग ( भारत सरकार की सम्पती है । केवडे के वृक्षों को किसी भी प्रकार की क्षति पहुँचाता मना है ।
नोट:- उपरोक्त आसदेशों का उल्लंघन करने पर कानूनी कार्यवाही की जावेगी ।
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