मेहरुननिसा जिसे नूरजहां बेग़म के नाम से जाना जाता है यह मुग़लों की एक मात्र
ऐसी महिला थी जिसने मुग़लों का 1613 -27 .ई तक कार्यभार और शासन दोनों सभाला और अपने नाम की मोहोर चलाई जिस पर लिखा था बादशाह नूरजहां बेग़म पहले इनका विवाह शेर अफ़ग़ान से हुआ।
1607.ई में शेर अफ़ग़ान की मुत्यू के बाद 1611.ई में जहांगीर की यह बीसवीं और आख़री पत्नी बनी और उसके बाद से ही इनको नूरजहां बेग़म एवं नूरमहल के लक़ब से जाना जाने लगा।
नूरजहां को भारत , पाकिस्तान, ओर बंगलादेश में लोक साहित्य के लिए भी जाना जाता है ऐसा माना जाता है के जहांगीर की मूत्यु के साथ साथ ही नूरजहां का शासन भी ख़त्म हो गया था
इसके बाद उन्होंने अपनी ज़िन्दगी लाहौर में गुज़ारी उनकी मूत्यु 1645.ई में हुई उनका मक़बरा लाहौर के शाहदरा बाग़ में स्थित है
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